Saturday, May 6, 2017

रंगमंच के ‘बहरूपिया’ रिशि मेहता... थियेटर के ‘डेविड धवन’ के संघर्ष की दास्तां

‘ग्राउंड ज़ीरो’ के छठे एपिसोड में पढ़िए रिशि मेहता की कहानी। इंटरटेनमेंट की दुनिया में रुचि रखने वाले रिशि के बारे में ज़रूर जानते होंगे । दिल्ली रंगमंच की दुनिया में रिशि का सफर ज्यादा पुराना तो नहीं लेकिन थियेटर के प्रति लगाव बचपन से ही रहा। इनकी कंपनी बहरूपिया इंटरटेनर को अस्तित्व में आए महज चार साल का वक्त हुआ। लेकिन इतने कम वक्त में इस कंपनी ने अपने नाटकों और कॉमेडी शोज से लोगों को मनोरंजन से सराबोर कर नया कीर्तिमान बनाया । रिशि मेहता न सिर्फ एक एक्टर और डायरेक्टर हैं  बल्कि प्रोड्यूसर भी हैं । ज़रूरत के मुताबिक हर रोल निभाना इन्हें बखूबी आता है। कहने को तो देश की राजधानी दिल्ली रंगमंच का गढ़ है जिसमें तपकर कई हीरे निकले और मायानगरी में नाम रोशन कर रहे हैं  लेकिन यहां के रंगमंच की माली हालत किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में क्वालिटी थियेटर का जिक्र आने पर बरबस ही रिशि मेहता का नाम आ जाता है । रिशि को थियेटर का डेविड धवन कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति न होगी क्योंकि रंगमंच के लोटे में मनोरंजन की जो लस्सी इनके नाटकों में मिलती है वो कहीं और दुर्लभ है। क्योंकि उसमें लिपटी होती है विशुद्ध मनोरंजन की मलाई । रिशि के निर्देशन में रे कूनी का लिखा नाटक ‘रन फॉर योर वाइफ’ बेहद ही चर्चित रहा है। पिछले डेढ़ साल में इस रोमांटिक कॉमेडी नाटक के लगभग 50 शो हो चुके है। रिशि बचपन से ही अभिनेता बनना चाहते थे, लेकिन पारिवारिक समस्याओं ने ऐसा तानाबाना बुना जिसके जाल में अभिनय का ये सिकंदर उलझ गया। मनमुटाव के चलते पिताजी सारी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ चुके थे। लिहाजा मां समेत पूरे परिवार की जिम्मेदारी के आगे रिशि को मन मसोसकर अपने सपने को मारना पड़ा । बिजनेस शुरु किया लेकिन परेशानियों का सिलसिला लगातार जारी रहा । बिजनेस के जरिए धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति सुधरने लगी, साथ ही रंगमंच के प्रति रिशि की दीवानगी दिनोंदिन बढ़ती गई। वक्त की कमी के चलते रंगमंच के लिए कुछ न कर पाने से रिशि अक्सर बौखला जाते थे। रह-रहकर एक कलाकार का मन कुलांचे मारने लगता। जद्दोजेहद का ये सिलसिला एक-दो नहीं बल्कि सोलह साल चला। सन् 2013 में रिशि ने बहरूपिया इंटरटेनर नाम से कंपनी बनाई । जिसका मुख्य मकसद है लोगों का सौ फीसदी मनोरंजन करना । इस कंपनी के अंतर्गत न सिर्फ नाटक मंचित होते हैं बल्कि इनके पास एक्टर्स, डायरेक्टर्स, राइटर, स्टेंडप कॉमेडियन से लेकर कॉरपोरेट शो करने वालों की एक लंबी फौज है। जो ज़रूरत के मुताबिक लोगों को मनोरंजन का डोज देने के लिए हमेशा रेडी रहते हैं। मजबूरी के चलते कैसे सपनों की बलि चढ़ जाती है ये भला रिशि से बेहतर कौन जान सकता है । इसलिए उभरते कलाकारों को प्लेटफॉर्म मुहैया कराने के लिए बहरूपिया का अस्तित्व में आना ज़रूरी था। जहां पर कलाकार अपनी सुविधानुसार व्यावसायिक रूप से काम करते हुए अपने प्रोफेशन को पैशन बना सकता है । जहां एक ओर उभरते कलाकारों को मौका मिल रहा है वहीं अब रिशि अपनी मनचाही विधा में दिनोंदिन सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं। रिशि के संघर्ष की पूरी दास्तां और बहरूपिया की सफलता को करीब से जानने के लिए आपको ये पूरा इंटरव्यू पढ़ना होगा। क्योंकि ‘ग्राउंड ज़ीरो’ ने की है बारीकी से पड़ताल 

सवाल- सबसे पहले आप अपने बारे में बताइए ।

जवाब- मेरा नाम रिशि मेहता है । मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं।

सवाल- शुरुआती पढ़ाई-लिखाई कहां से हुई ?

जवाब- दिल्ली से ही हाईस्कूल और इंटरमीडियट की पढ़ाई पूरी की। कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।

सवाल- रंगमंच के प्रति जुड़ाव कैसे हुआ ?

जवाब- स्कूल के दिनों से ही ड्रामा में पार्टिसिपेट करने लगा था । कॉलेज में हमारा ग्रुप बड़े लेवल पर परफॉर्मेंस देने लगा । इस दौरान हमनें कई नाटक किए । धीरे-धीरे ये सिलसिला बढ़ता गया ।

सवाल- आपने थियेटर की कोई एकेडमिक ट्रेनिंग ली या नहीं ?

जवाब- मैंनें थियेटर की कोई एकेडमिक ट्रेनिंग नहीं ली । जो सीखा ग्रुप के साथ काम करके सीखा, नाटकों में काम करके सीखा । दिल्ली में था लिहाजा एनएसडी या श्रीराम सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स जैसे एक्टिंग इंस्टीट्यूट के लिए आवेदन दे सकता था लेकिन परिस्थितियों को ये सब मंजूर नहीं था । कॉलेज खत्म होने तक नाटकों में काम करने का ये सिलसिला चलता रहा ।


सवाल- रंगमंच छोड़कर अचानक सॉफ्टवेयर कंपनी खोलने का ख्याल कैसे आया ?

जवाब- कॉलेज पूरा होने के बाद नौकरी नहीं मिली। रंगमंच के जरिए पेट पालना मुश्किल हो गया । पिताजी से हमारा अक्सर मनमुटाव रहता था। जिसके चलते वो सारी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ चुके थे। घर की आर्थिक स्थिति खराब थी। इसलिए पहले एक साल तक दिल्ली में ही टेगोर इंटरनेशनल स्कूल में एक टीचर के रूप में काम किया । सन् 1997-1998 में C-SOFT  नाम से अपनी खोल ली ।

सवाल- आपकी कंपनी (C-SOFT) क्या काम करती है ?

जवाब- हमारी कंपनी का मुख्य काम है पब्लिशिंग इंडस्ट्री के लिए कस्टोमाइज सॉफ्टवेयर बनाना । इनमें से ERP एक प्रमुख सॉफ्टवेयर है । इसके अलावा वेबसाइट डिजाइन, वेब होस्टिंग, वेब बेस्ड सॉल्यूशन, सर्च इंजन ऑप्टीमाइजेशन, कॉरपोरेट प्रेजेंटेशन, ई-बुक डिवलेपमेंट, डिजिटल मार्केटिंग सर्विसेज भी हमारी कंपनी प्रोवाइड करती है । पेंगुइन जैसे जाने-माने पब्लिशर्स के लिए भी हम काम कर चुके हैं ।

सवाल- बहरूपिया इंटरटेंनर्स कैसे अस्तित्व में आया ?

जवाब-     C-SOFT कंपनी को चलाते हुए करीब 14 साल गुजर चुके थे । कमाई भी ठीक-ठाक हो रही थी लेकिन कला के लिए कुछ न कर पाने का मलाल हमेशा रहता था । कभी-कभी तो अचानक मन इतना बेचैन हो उठता कि जी करता कि सब कुछ छोड़कर बस रंगमंच की दुनिया में वापस लौट   आऊं। मन नहीं माना तो 2012 में गुड़गांव के एक एनजीओ से जुड़ा जिसका नाम था गुड़गांव थियेटर ग्रुप । इस ग्रुप के साथ बहुत से नाटक किए लेकिन कुछ अनबन के चलते यह ग्रुप छोड़ना पड़ा । अंत में हमनें खुद की कंपनी खोलने की सोची और जनवरी 2013 में मैं और मेरे तीन और दोस्तों ने मिलकर एक कंपनी बनाई जिसका नाम रखा बहरूपिया इंटरटेंनर्स । एक साल साथ में काम करने के बाद दोस्तों में कुछ मनमुटाव हो गया । फाइनली कंपनी के सारे शेयर मैंने खरीद लिए और यह कंपनी पूरी तरीके से मेरी हो गयी । कंपनी खोलने के दौरान शुरुआती दिनों में रूपेश टिल्लू, दीपल दोषी, आलोक उल्फत, श्रुति उल्फत ने बड़ी मदद की । कंपनी खोलने के बाद एक तसल्ली यह हुई कि चलो कम-से-कम में एक एक्टर नहीं बन पाया लेकिन इस कंपनी के प्रोड्यूस नाटकों से दर्शकों का मनोरंजन तो होगा ।


सवाल- बहरूपिया इंटरटेंनर्स के बारे में बताइए ।

जवाब-  बहरूपिया इंटरटेंनर्स एक इंटरेनमेंट कंपनी है जिसका काम हर उम्र और हर वर्ग के दर्शकों का विशुद्ध मनोरंजन करना है । हमारी कंपनी न सिर्फ बड़े-बड़े नाटकों के शो का आयोजन का करती है बल्कि इंडिया के फेमस कॉमेडियंस को लेकर कॉमेडी शोज के रेगुलर परफॉर्मेंस भी करवाती है । इसके अलावा लोगों की ज़रूरत के मुताबिक कॉरपोरेट शोज का भी आयोजन करवाती है । हमारी कंपनी के पास एक्टर्स, डायरेक्टर्स, राइटर्स, कॉमेडियंस की एक लंबी टीम है जो दर्शकों की ज़रूरत के मुताबिक उनका मनोरंजन करने के लिए चौबीसो घंटों तैयार रहती है । दिल्ली के Alliance Francaise, एपिसेंटर, और अक्षरा थियेटर में हमारे लगातार पब्लिक शोज होते रहते हैं। हमारी इस कंपनी में नए एक्टर्स को ट्रेनिंग भी दी जाती ह । हम लोग वीकेंड थियेटर ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाते हैं।

सवाल- बहरूपिया इंटरटेंनर्स के कुछ फेमस प्ले और शोज के नाम बताइए ।


जवाब- रन फॉर योर वाइफ (world's longest running comedy ), बोइंग-बोइंग, द पार्क, मेडबेथ, ए टेल ऑफ टू ट्रेटीज, लेट्स टॉक बाउट सेक्स, दुलारी धमाल, गेस्ट लिस्ट etc. । जिसमें से ‘रन फॉर योर वाइफ’ नाटक इतना लोकप्रिय होगा हमनें कभी नहीं सोचा । लोगों को यह नाटक इतना पसंद आया कि दर्शकों की भारी डिमांड पर इसके कई शो करने पड़े । कई बार कोई दर्शक जब मुझसे अकेले में मिलकर कहता है कि रिशि आपका ‘रन फॉर योर वाइफ’ नाटक टोटली पैसा वसूल है तो सच में बड़ी संतुष्टि मिलती है । इस नाटक में को मैं ने डायरेक्ट किया है और ज़रूरत पड़ने पर मैं इसमें एक्ट भी करता हूं। इस नाटक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे सिर्फ एक कमरे में किया जा सकता है ।

सवाल - बहरूपिया इंटरटेंनर्स के कुछ कॉमेडी शोज के नाम बताइए ।

जवाब-Things They Wouldn't Let Me Say, The Sundeep Shawarma Show, Bong Talkies, INDIA 3D, appurv view, Improv Premier League, Third World Comedy, Saanu kee, Forced to be Single, Tandon Talkies, Ek Mulaqat Manto Se, massage, Turban Legends etc.

सवाल- कुछ फेमस कॉमेडियंस के नाम बताइए जिन्होंने बहरूपिया इंटरटेंनर्स के साथ काम किया ?

जवाब- हमारे साथ काम करने वालों में राकेश बेदी, नीति पाल्टा, अदिति मित्तल, अविजीत गांगुली, अमित टंडन, जाकिर खान, अपूर्व गुप्ता, संदीप शर्मा, जीवेशु अहलूवालिया, सुमित नंद, अनिर्बन दासगुप्ता, निशांत तंवर, किशोर दयानी के अलावा और भी बहुत सारे कॉमेडियन हैं।

सवाल- इतनी सारी उपलब्धियां मिलने के बाद अब कैसा महसूस करते हैं ?

जवाब- सच में बड़ा सुकन मिलता है जब हम अपने पसंदीदा फील्ड में काम करते हैं । पहले मन व्याकुल रहता था लेकिन अब मन को संतुष्टि मिलती है । अब मैं खुद के निर्देशित नाटकों में अभिनय भी कर सकता हूं। अच्छा लगता है जब लोग हमारे नाटकों की तारीफ करते हैं ।

सवाल- अगर कोई अपसे जुड़ना चाहे तो कैसे जुड़ सकता है ?

जवाब- फेसबुक पर रिशि मेहता नाम से मौजद हूं, BEHROOPIA ENTERTAINERS  नाम से हमारी कंपनी का पेज है फेसबुक पर । इसके अलावा BEHROOPIA ENTERAINERS   की वेबसाइट पर जाकर कोई भी हमसे संपर्क करने के लिए जानकारी ले सकता है ।

सवाल- ‘ग्राउंड ज़ीरो’ के बारे में क्या कहेंगे ?

जवाब- बहुत ही अच्छी पहल है जिसके जरिए लोगों के संघर्ष की दास्तान को सोशल मीडिया पर लाया जा रहा है । ‘ग्राउंड ज़ीरो’ इसके लिए बधाई का पात्र है । बहुत-बहुत शुभकामनाएं ।

(ग्राउंड ज़ीरो के अगले एपिसोड में पढ़िए मिसाल कायम करने वाले एक और धमाकेदार शख्स का इंटरव्यू, जो होगा हमारे और आपके बीच का )

(अगर आपके पास भी है किसी ऐसे शख्स की कहानी जिसने किया है सोचने पर मजबूर। वो आप खुद भी हो सकते हैं, आपका कोई जानने वाला हो सकता हैं, आपका कोई दोस्त या रिश्तेदार भी हो सकता है। तो आप हमें बताइए। हम करेंगे ‘ग्राउंड ज़ीरो’ से पड़ताल और छापेंगे उसकी मिसालभरी दास्तां। देखेंगे दुनिया उसकी नज़र से। )  

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